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Gomed Hessonite

Gomed Stone-

गोमेद रत्न- गोमेंद रत्न राहु ग्रह के सकारात्मक गुणों की प्राप्ति के लिए धारण किया जाता हैं, जिससे कुंडली में इस ग्रह की कमज़ोरी को दूर कर इसके शुभ फलों की प्राप्ति के लिए पहनते हैं। राहु ग्रह का रत्न बहुत ही सोच कर पहनना चाहिए नहीं तो इसके नकारात्मक फल भी मिल सकते हैं और कलयुग का यह प्रधान ग्रह कोई भी अनहोनी घटना दिखा सकता हैं।        किसी भी अन्य सवाल के लिए यहां देखें।

गोमेद रत्न कैसा होता हैं।

राहु ग्रह का अपना कोई अस्तित्व नहीं हैं, लेकिन यही ग्रह ऐसा हैं जो इंसान को अर्श से फर्श तक भी पहुंचा देता हैं। गोमेद स्टोन राहु ग्रह को मज़बूत करने के लिए धारण किया जाता हैं। गोमेद का पत्थर गहरे पीले रंग का होता हैं जिसका रंग गौमूत्र जैसा होता हैं जो छुने पर कोमल और चमकदार होता हैं। यह भारत, ब्राजील और श्रीलंका में सबसे अच्छा मिलता हैं। इसके विविध नाम गोमेंदक, तपोमणि, जिरकान और जटकूनिया भी हैं।

गोमेद रत्न पहनने से क्या होता हैं।              अधिक जानकारी के लिए सम्पर्क करें।

  1. यह काले जादू से रक्षा करता हैं और नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा करता हैं।
  2. इसके धारण करने से नेतृत्व क्षमता बढती हैं और राजनीति में सहायता करता हैं।
  3. जब अचानक व्यवसाय में हानि होने लगे तो इसे पहनने से बाधा दूर होती हैं।
  4. यदि किसी के पास धन न रुके और बार-बार नुकसान हो रहा हो तब भी यह धारण करना चाहिए।
  5. जीवन साथी के साथ तनाव हो और तलाक तक की नौबत आ जाये तब भी इसके धारण करने से रिशते मधुर बनते हैं और आपसी भ्रम दूर होता हैं।
  6. अगर मन उखड़ा-उखड़ा लगे, बैचेनी सी महसूस हो, अचानक ड़र सा लगने लगे या मन बेवज़ह परेशान हो तब भी यह धारण करना चाहिए।          

जिस व्यक्ति की राशि अथवा लग्न वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला या कुम्भ का हो और राहु ग्रह कुंड़ली के 1, 4, 5, 7, 9, 10 में से किसी भाव में हो तब भी जातक को गोमेंद का पत्थर धारण करने से लाभ मिलता हैं। राहु ग्रह अगर द्वितीय या एकादश भाव में हो तब भी गोमेद स्टोन धारण करने से धन का लाभ होता हैं।    

आप गोमेद रत्न की जानकारी के लिए हमारी विडियों भी देखें।

गोमेद रत्न धारण करने से हानि            

1. यदि गोमेंद में धब्बा आये तो आकस्मिक कष्ट बनता हैं।

2. गोमेंद में लाल रंग की छीटे दिखाई दे तो आर्थिक नुकसान और पेट की समस्या होती हैं।

3. गोमेंद में गड्डा हो तो संतान और व्यापार से हानि होती हैं।   

4. गोमेंद में चीरा या क्रास आये तो रक्त सम्बंधी विकार होते हैं।  

यह कम से कम 6 रत्ती का चांदी या अष्टधातु में शनिवार को धारण करना चाहिए। गोमेंद रत्न धारण करने से पूर्व दूध या गंगाजल में रख दें फिर राहु ग्रह के मंत्र “ॐ रां राहवे नम:” का 108 बार जाप करके धारण करें।    अन्य उपायों के लिए देखें।  

हम अपनी कुंडली के कमज़ोर ग्रहों को बलवान करने के लिए रत्न धारण करते हैं। लेकिन ये भी याद रखना चाहिए कि रत्न कभी जादू नहीं करते वह ग्रहों की दशा की अनुसार ही अपना प्रभाव दिखाते हैं। प्रत्येक ग्रहों के अनुसार सबके अलग-अलग रत्न हैं और सबको एक जैसा रत्न फायदा या नुकसान नहीं दे सकता हैं। इसलिए अच्छे और उपयोगी रत्न के लिए एक ज्योतिष से सलाह अवश्य ले लेनी चाहिए क्योंकि रत्न अगर फर्श से अर्श तक पहुंचा सकता हैं तो वह अपने नकारात्मक प्रभाव से अर्श से फर्श तक भी पहुंचाने में देरी नहीं करेगा।

रत्नों का सीधा असर हमारे शरीर से मन पर पढ़ता हैं। हमारे शरीर में सात चक्र हैं, इन सातों के अलग-अलग रंग हैं, ये चक्र हमारे मन पर असर ड़ालते हैं। हमारे आस पास रंग ही रंग हैं, बिना रंग के तो दुनिया भी बेरंग होगी। उसी प्रकार रत्न का असर भी हम तक तरंगो के माध्यम से पहुँचता हैं। रत्न के बहुत फायदे हैं और उसका फायदा तभी होगा जब आप सही वज़न, चमक, रंग देख कर पहनें क्योंकि हर चमकती चीज़ सोना नहीं होती! रत्न में अद्दभुत शक्ति होती हैं, यह रास आ जाए तो आसानी से आसमान पर भी पहुंचा देती हैं और जिस ग्रह का भी रत्न रास आ जाए उस ग्रह से जुड़े फायदे मिलते हैं! रत्न को ग्रह की स्थति, लग्न व दशा के अनुसार देख कर ही पहनें। रत्न भी सही वज़न का होना चाहिए नहीं तो फल देने में विलम्ब करेगा और आप सोचेंगे की इतना महंगा रत्न पहना हैं, लेकिन फायदा नहीं दे रहा! इसलिए आप सही तरह कुंडली दिखा कर और अच्छी जगह से ही रत्न खरीदे।

आप हमसे सलाह लेकर जान सकते हैं कि आपके ग्रहों के अनुसार आपके लिए कौनसा रत्न फायदेमंद होगा और आप हमसें सम्पर्क करके घर बैठे प्राणप्रतिष्ठित रत्नों की प्राप्ति भी कर सकते हैं। इनका प्राईज़ आपसे बात कर के रत्नों की क्वालिटी और वज़न के हिसाब से आपको बताया जाएगा। +917701950631

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When stone is worn in a ring or pendent the continuously vibrating power of planets is absorbed in the individual’s aura. If we wear it in normally jewels forms when stone’s energies not work in directly in our aura. Interesting fact: in old age, the fiery red ruby gemstone is used for just ornaments for beauty. Over the ages, it has recognized the beautiful ruby with many magical powers. These four gems are called precious gems 1. Diamond, 2 Sapphires, 3 Emeralds, 4 Ruby is a king of the gems. It is hard gemstone but after cutting it can be delicate.

 


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